भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा भारत के कृषकों के चहुमुखी उत्थान के लिये वर्ष 2016 से “फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम“ चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य कृषकों व भूमिहीन मजदूरों का समग्र विकास करना है यह प्रोग्राम खरपवतार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर द्वारा पनागर ब्लाक के दो ग्राम बरौदा एवं उमरिया चौबे में फरवरी 2017 से आरंभ किया गया है। इसके अंतर्गत फसलों की पैदावार में बढ़ोत्तरी एवं कृषकों की आजीविका सुरक्षा के लिये विभिन्न प्रोग्राम चलाये जायेंगे जैसे कि संरक्षित कृषि, उन्नत कृषि तकनीकें, खरपतवार प्रबंधन से संबंधित तकनीकें, पशुपालन एवं मुर्गीपालन, बागवानी आदि।
इस प्रोग्राम के तहत दिनांक 28/03/2017 को ग्राम उमरिया चैबे पनागर में एक कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। सर्वप्रथम प्रोग्राम के प्रमुख अन्वेशक डा. आर.पी. दुबे, प्रधान वैज्ञानिक ने उपस्थित जनों का स्वागत करते हुये फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के बारे में संपूर्ण जानकारी दी तथा आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। निदेशालय के कार्यवाहक निदेशक, डा. पी. के. सिंह, ने उपस्थित कृषकों को इस प्रोग्राम के बारे में बताते हुये लोगो से सहयोग की अपेक्षा करते हुए अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की। उन्होंने निदेशालय द्वारा विगत 10 वर्षों से विभिन्न गांवों में चलाये जा रहे संरक्षित कृषि आधारित कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। प्रगतिशील कृषकों, श्री नलिन शर्मा एवं श्री सतीश दुबे ने अपने अनुभवों से सभी उपस्थित कृषकों को अवगत करवाया। उमरिया चैबे ग्राम के सरपंच श्री रमेश पटेल ने पूर्ण सहयोग का आष्वासन दिया, कार्यक्रम में उपस्थित इफको के प्रवंधक श्री आर.के. मिश्रा ने इस महत्वपूर्ण परियोजना में इफको द्वारा भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया व कृषकों को इफको से सम्वधित सुविधायें प्रदान करने का वादा किया।
‘‘फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम” का प्रथम कार्यक्रम दिनांक 23/03/2017 को ग्राम बरौदा पनागर में आयोजित किया गया निदेशालय के कार्यवाहक निदेशक, डा. पी.के. सिंह, ने उपस्थित कृषकों को इस कार्यक्रम की उपयोगिता एवं महत्वता को बताया एवं अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की। इस अवसर पर बरौदा ग्राम के सरपंच श्री आषीश पटेल ने भरपूर सहयोग का आष्वासन दिया। इस अवसर पर 10 कृषकों को उड़द के उन्नत बीज भी प्रदान किये गये तथा आग्रह किया गया कि बीजोपचार के बाद इन्हें लाइनों में ही बुवाई करें। इस कार्यक्रमों में लगभग 400 कृषक बंधु उपस्थित थे। निदेशालय के अन्य वैज्ञानिकगण डा. सुशील कुमार, डा. पार्थो चैधुरी, डा. भूमेष कुमार, डा चेतन, डा. योगिता घरडे, डा. सुभाष, डा. विकास त्यागी एवं अन्य तकनीकी अधिकारी भी उपस्थित थे।