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Hindi Workshop organized at Directorate   (13 July, 2022)


खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर के परिसर में अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “आजादी के 75 वर्ष और सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी का महत्व” विषय पर व्याख्यान श्री शोभन चौधुरी, अपर महाप्रबंधक, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर द्वारा दिया गया। इस अवसर पर श्री राजरंजन श्रीवास्तव सचिव, नराकास भी उपस्थित रहे। डॉ. जे.एस. मिश्र, निदेशक ने कहा कि यह निदेशालय का उद्देश्य वैज्ञानिक तकनीको के विकास पर शोध का है। इसके बावजूद निदेशालय में शांध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में लेखन कार्यो में अधिक से अधिक हिन्दी का प्रयोग किया जा रहा है जिससे कृषको को सरल भाषा में अनुसंधान संबंधी जानकारी प्राप्त होती है एवं हिन्दी का प्रचार-प्रसार भी बढ़ता है। राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा निदेशालय में समय-समय पर हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन करने से हिन्दी प्रचार-प्रसार बढ़ाने के साथ-साथ उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होती है जो प्रशंसनीय है।

श्री शोभन चौधुरी, अपर महाप्रबंधक, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर ने “आजादी के 75 वर्ष और सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी का महत्व“ विषय पर व्याख्यान दिया अपने व्याख्यान के आरम्भ में हिन्दी राजभाषा के लिए कहा कि “करते है तन मन से वंदन, जन गन मन की अभिलाषा का, अभिनंदन अपनी संस्कृतिः का आराधना अपनी भाषा का” साथ ही उपस्थित अधिकारियो/कर्मचारियो से आग्रह किया कि राजभाषा अधिनियम 1963 के विभिन्न पहलुओं एवं राजभाषा के प्रयोग-प्रसार हेतु सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक हिन्दी के प्रयोग हेतु फाइलो एवं रजिस्टरो के शीर्ष को हिन्दी या द्विभाषी किया जाना चाहिए। कार्यालयो में अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में करने हेतु सभी को सुझाव दिया।

श्री चौधुरी ने भारतीय रेलवे की आजादी के संघर्श में भूमिका के संबंध में चर्चा करते हुए वर्तमान में रेलवे स्टेशनों के पुर्नविकास हेतु नई लाईन/दोहरीकरण/ तिहरीकरण कार्यो के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। साथ ही भारतीय रेलवे की भूमिका एवं विकास के संबंध में कहा कि भारतीय रेल देश के सकल माल यातायात के एक चौथाई हिस्से का परिवहन करती है जिसमें कोयले का 70 प्रतिशत, उर्वरक का 81 प्रतिशत, लौह अयस्क का 56 प्रतिशत, सीमेंट का 46 प्रतिशत, समस्त पीओएल का 22 प्रतिशत एवं खाद्य सामग्री का 18 प्रतिशत रहता है। कार्यशाला में निदेशालय के 80 से ज्यादा अधिकारियों, कर्मचारियों ने हिस्सा लिया । मंच संचालन बसंत मिश्रा प्रभारी राजभाषा एवं आभार डॉ.पी.के.सिंह प्रधान वैज्ञानिक ने किया ।

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खरपतवार सम्बंधित अनुसंधान व प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से देश की जनता हेतु उनके आर्थिक विकास एंव पर्यावरण तथा सामाजिक उत्थान में लाभ पहुचाना।

"To Provide Scientific Research and Technology in Weed Management for Maximizing the Economic, Environmental and Societal Benefits for the People of India."

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