खरपतवार अनुसंधान निदेशालय में हिन्दी पखवाडा़ दिनाँक 14-29 सितम्बर 2022 तक आयोजित किया गया। हिन्दी पखवाडा़ के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी, कुलपति, नानाजी देशमुख पशु विज्ञान वि.वि. जबलपुर रहे। हिन्दी पखवाड़े के दौरान निदेशालय में सात प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें आलेखन एवं टिप्पण, तात्कालिक निबंध लेखन , हिन्दी शुद्धलेखन, कम्प्यूटर में यूनिकोड पर टाइपिंग , आशुभाषण (तात्कालिक भाषण), क्विज कांटेस्ट एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएं थी। कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र ,मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी एवं श्री बसंत मिश्रा ने मॉ सरस्वति को माल्यार्पण कर किया।
मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी ने कहा कि संसार का कोई भी देश अपनी भाषा की अवहेलना करके प्रगति नही कर सकता। भाषा में अद्भुत शक्ति होती है यह हमें एक दूसरे से जोड़ती है भाषा केवल भाषा नही होती वह समाज संस्कृति इतिहास राष्ट्र की अस्मिता और उसके भावी लक्ष्यों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी होती है। हिन्दी सदियों से हमारी सम्पर्क भाषा रही है पूरा विश्व हमारी भाषा की ओर आकर्षित है। डॉ. तिवारी ने कहा कि यह अनुसंधान संस्थान है सभी वैज्ञानिक व अधिकारी अपनी-अपनी विशेषता के आधार पर कार्य कर रहे हैं पर फिर भी हिन्दी के कार्य में या हिन्दी को बढ़ावा देने में सभी की बड़ी रूची है यह सराहनीय कदम है।
निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र ने कहा कि हिंदी सभी भाषाओं की सहोदरा है इसमें सभी भाषाओं को समाहित करने की अपार शक्ति निहित है। हिंदी भाषा में ऊंच-नीच का भाव नही है जितना संभव हो सकें हमें हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए एवं हिंदी बोलते समय गर्व महसूस करना चाहिए। आज हिंदी विश्व के हर कोने में बोली जाने लगी है एवं देश-विदेश के लोग भी हिंदी सीखने में प्रयासरत है आज भारत में अनेको संस्थान मात्र हिंदी सीखने के लिए खोले गये है जहां दूर-दूर से लोग हिंदी सीखने बड़ी संख्या में आते है। इस अवसर पर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के प्रभारी श्री बसंत मिश्रा ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियां का स्वागत किया। प्रोत्साहन योजना के तहत निदेशालय के वर्ष भर में 20,000 शब्दों से अधिक हिन्दी लिखने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को वरीयता क्रम के आधार पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार नगद एवं प्रतियागिताओ के विजेताओ को निदेशक एवं अतिथियों के कर कमलों से प्रदान किये गये। निदेशालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘‘तृण संदेश ’’, ’’वार्षिक रिर्पोट’’ एवं ’’ निदेशालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियॉ ’’ का विमोचन भी किया गया।