भा.कृ.अनु.प. खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर में चल रही फार्मर फर्स्ट परियोजनांर्तगत चयनित ग्राम उमरिया चौबे एवं बरौदा में दिनांक 07.12.2022 से 09.12.2022 तक को “दुधारू पशुओं के प्रमुख रोग एवं उनका उपचार” विषय पर फार्मर फर्स्ट प्रोग्राम के कृशि वैज्ञानिकों की टीम ने पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
निदेशक डॉ. पी.के. सिंह ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत चलाये जा रहे विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि फार्मर फर्स्ट परियोजना भारत सरकार की एक अनूंठी पहल है। निदेशालय में चल रही फार्मर फर्स्ट परियोजना से आस-पास के गांवो के किसान लाभान्वित हो रहें है। परियोजना से संबंधित टीम द्वारा निरंतर किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय है। कार्यक्रम में डॉ. पी.के. मुखर्जी द्वारा पशुओं के लिए हरे चारे का महत्व, लगाने की विधि एवं खेतो की मेड़ो एवं खाली पड़ी हुई भूमि पर हाथी घास, बरसीम, जई, चारे वाला मक्का आदि उगाने की सलाह दी गई।
डॉ शुभांगी शर्मा (नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय) ने पशुओं में होने वाले विभिन्न रोग एवं विभिन्न प्रकार की बीमारी जैसे थैनेला, खुरपका-मुंहपका, गलघोटू, लम्फी वायरस, अफरा एवं बकरी प्लेग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव एवं उनके उपचार विशय में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इंजी चेतन सी.आर. ने पशुपोषक आहार के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उक्त बैठक में परियोजना कें प्रधान अन्वेशक डॉ. पी.के. मुखर्जी, सह-अन्वेषक इंजी चेतन सी.आर., डॉ. शुभांगी शर्मा एवं परियोजना से जुड़े एस.आर.एफ. श्री जितेन्द्र कुमार दुबे, परियोजना सहायक श्री संदीप पटेल एवं श्री अंजनीकांत चतुर्वेदी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में ग्राम बरौदा एवं उमरिया चौबे के लगभग 50 किसान लाभान्वित हुए।