Dial-out conference on Parthenium awareness was organized by ICAR-DWR, Jabalpur in collaboration with Reliance Foundation   (22 August, 2023)


भा.कृ.अनु.प.-खरपतवार अनुसन्धान निदेशालय, जबलपुर के मार्गदर्शन में रिलायंस फाऊंडेशन के द्वारा "गाजरघास जागरूकता सप्ताह" के अंतर्गत ध्वनि तरंगों के माध्यम से जबलपुर मंडला और बालाघाट के लगभग 150 कृषकों के साथ डायल आउट कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 22 अगस्त, 2023 को संपन्न किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा संचालित डिजिटल खेती की पाठशाला के अंतर्गत आयोजित रहा। जिसमें खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय चौधरी, डॉ. दीपक पवार एवं कृषि विज्ञान केंद्र बालाघाट से डॉ. आर.एल. राऊत, कृषि विज्ञान केंद्र जबलपुर से डॉ. नितिन सिंह एवं मंडला कृषि विज्ञान केंद्र से डॉक्टर आर.पी. अहिरवार उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि गाजर घास एक आक्रामक और विषैला खरपतवार है जो फसलों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी हानिकारक है यह आपको सड़क किनारे खाली जमीन में देखा जाता है इसके अलावा ये खरपतवार अब हमारे धान, गेहूं,चना, मसूर, सब्जी और सभी प्रकार की फसलों के खेतों में भी देखने को मिल रहा है किसान भाइयों को इसके उन्मूलन के लिए एकजुट होकर स्वयं के खेत में पारिवारिक स्तर से, ग्राम स्तर से विकासखंड स्तर से और राष्ट्रीय स्तर पर नष्ट करने के प्रयास की जरूरत है। आगे उन्होंने बताया कि किसान भाई मैक्सिकन बीटल नाम का किट भी खरपतवार अनुसंधान निदेशालय से ले जाकर खेतों में छोड़ सकते हैं जो इस पौधे को खाकर नष्ट कर देता है यह किट अन्य किसी भी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाता है।

डॉ. विजय कुमार चौधरी, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों के प्रश्नों का समाधान करते हुए उन्हें गाजरघास से बनने वाली कंपोस्ट खाद के बारे में विस्तृत बताया और किसानों को आवाहन किया कि वे कभी भी खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर पहुंचकर गाजर घास से कंपोस्ट खाद बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक ने बताया कि किसान भाई खेतों से गाजर घास को निकालते समय हाथों में ग्लब्स अवश्य रूप से पहने और बाद में इसे किसी गहरे गड्ढे में गाड दें, साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने के बाद ही अन्य काम करें, बच्चों और अन्य संवेदनशील चीजों से इस खरपतवार को दूर रखना चाहिए क्योंकि यह अधिक जहरीला होने के कारण मनुष्यों के लिए खुजली, अस्थमा, एलर्जी या अन्य त्वचा संबंधी रोगों का कारण बन सकता है जानवरों को भी इस खरपतवार से दूर ही रखना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान जबलपुर मंडला बालाघाट से कृषकों ने वैज्ञानिकों से गाजर घास के साथ अन्य फसलों के प्रश्नों को पूछ करके अपने प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया।

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खरपतवार सम्बंधित अनुसंधान व प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से देश की जनता हेतु उनके आर्थिक विकास एंव पर्यावरण तथा सामाजिक उत्थान में लाभ पहुचाना।

"To Provide Scientific Research and Technology in Weed Management for Maximizing the Economic, Environmental and Societal Benefits for the People of India."

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