भा.कृ.अनु.परि.-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय,जबलपुर में हिन्दी दिवस का आयोजन 14 सितंबर 2023 को किया गया तथा इसके साथ ही आगामी 15 दिनों तक चलने वाले हिन्दी पखवाड़े का शुभारंभ निदेशालय के निदेशक/ अध्यक्ष रा.का.समिति डॉ.जे.एस.मिश्र, डॉ.पी.के.सिंह प्रधान वैज्ञानिक/ सह अध्यक्ष एवं प्रभारी, रा.का.समिति श्री बसंत मिश्रा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर श्री बसंत मिश्रा प्रभारी, रा.का.समिति ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियां का स्वागत किया साथ ही अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को 14 सितंबर सन् 1949 को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था,तभी से 14 सितंबर को प्रत्येक वर्ष हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है। किन्तु इतने वर्षो के बाद भी दुर्भाग्यवश हिन्दुस्तान में कुछ वर्गो द्वारा हिन्दी को गरीबों की भाषा समझी जाती है। हमारे देश के हर इंसान को इतना तो मालूम होना चाहिये कि हिंदी हमारी राजभाषा है जिसका अर्थ है कि यह पूरे देश में सबसे ज्यादा बोली और समझीजाने वाली भाषा है।
इस अवसर पर निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र ने हिंदी दिवस की सभी को बधाई देते हुये निदेशालय के सभी अधिकारियों कर्मचारियों को हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य करने हेतु राजभाषा प्रतिज्ञा दिलाई। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि पखवाड़े के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में लोग सम्मिलित हो। विगत कई वर्षो के निरंतर प्रयास के फलस्वरूप हिंदी को उसका सम्मान धीरे-धीरे प्राप्त हो रहा है। हिंदी पूरे विश्व में तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। चूंकि हमारा निदेशालय कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करता है और कोई भी अनुसंधान तभी सार्थक व सफल होता है जब हम उस अनुसंधान को किसानों तक उनकी समझने वाली सरल हिंदी भाषा या उनकी क्षेत्रीय भाषा में पहुंचाये है। इसलिए निदेशालय द्वारा ज्यादा से ज्यादा पत्रिकाओं एवं फोल्डर का प्रकाशन, मोबाइल एप एवं कृषि संदेशो में हिंदी का प्रयोग किया जाता है। कम्प्यूटर में यूनिकोड के माध्यम से हिंदी में सुगमता से कार्य करने की सभी सुविधाएं भी असानी से उपलब्ध है।
कार्यक्रम में डॉ.पी.के.सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं सह अध्यक्ष रा.का.समिति द्वारा माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मत्रांलय भारत सरकार एवं भा.कृ.अनु.परिषद के महानिदेशक डॉ.हिमांशु पाठक द्वारा प्रेषित अपील/संदेश का वाचन किया गया साथ ही बताया गया कि हिन्दी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। हमें हिन्दी के प्रयोग के साथ ही अन्य भाषाओं का भी उचित सम्मान करना चाहिए। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसने शब्द या क्षेत्रीय भाषा का अनादर नही किया। हिंदी भाषा अपने में सभी भाषओं को समाहित किए हुए है। निदेशालय के राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यों, सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने बडी संख्या में भाग लेते हुये पखवाड़े के दौरान आगामी 15 दिनों में आयोजित किये जाने वाले विभिन्न प्रतियोगिताओं में ज्यादा से ज्यादा सहभागिता का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ.वी.के.चौधरी वरिष्ठ वैज्ञानिक ने सभी का आभार व्यक्त किया ।