Directorate observed Hindi Pakhwada-2023   (29 September, 2023)


खरपतवार अनुसंधान निदेशालय में हिन्दी पखवाडा़ दिनाँक 14-29 सितम्बर 2023 तक आयोजित किया गया। हिन्दी पखवाडा़ के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी, कुलपति, नानाजी देशमुख पशु विज्ञान वि.वि. जबलपुर रहे। हिन्दी पखवाड़े के दौरान निदेशालय में सात प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें आलेखन एवं टिप्पण, तात्कालिक निबंध लेखन , हिन्दी शुद्धलेखन, कम्प्यूटर में यूनिकोड पर टाइपिंग ,अन्ताक्षरी, क्विज कांटेस्ट एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएं थी। समापन कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी, निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र , डॉ.पी.के.सिंह प्रधान वैज्ञानिक व सह अध्यक्ष कार्यान्वयन समिति एवं श्री बसंत मिश्रा प्रभारी राजभाषा ने मॉ सरस्वती को पुष्प् एवं माल्यार्पण अर्पित कर किया।

मुख्य अतिथि डॉ. एस.पी. तिवारी ने कहा कि संसार का कोई भी देश अपनी भाषा की अवहेलना करके प्रगति नही कर सकता। भाषा में अद्भुत शक्ति होती है यह हमें एक दूसरे से जोड़ती है भाषा केवल भाषा नही होती वह समाज संस्कृति इतिहास राष्ट्र की अस्मिता और उसके भावी लक्ष्यों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी होती है। डॉ. तिवारी ने कहा कि यह अनुसंधान संस्थान है सभी वैज्ञानिक व अधिकारी अपनी-अपनी विशेषता के आधार पर कार्य कर रहे हैं। पर फिर भी हिन्दी के कार्य में या हिन्दी को बढ़ावा देने में सभी की बड़ी रूची है यह सराहनीय कदम है। निदेशालय के निदेशक डॉ.जे.एस.मिश्र ने कहा कि हिंदी सभी भाषाओं की सहोदरा है इसमें सभी भाषाओं को समाहित करने की अपार शक्ति निहित है। हिंदी भाषा में ऊंच-नीच का भाव नही है जितना संभव हो सकें हमें हिंदी भाषा का प्रयोग करना चाहिए एवं हिंदी बोलते समय गर्व महसूस करना चाहिए। आज हिंदी विश्व के हर कोने में बोली जाने लगी है एवं देश-विदेश के लोग भी हिंदी सीखने में प्रयासरत है आज भारत में अनेको संस्थान मात्र हिंदी सीखने के लिए खोले गये है जहां दूर-दूर से लोग हिंदी सीखने बड़ी संख्या में आते है।

डॉ. पी.के.सिंह प्रधान वैज्ञानिक व सह अध्यक्ष राजभाषा कार्यान्वयन समिति ने कहा कि हिंदी सभी में सभी भषाओं को समाहित करने की अपार शक्ति निहित है। हिंदी भाषा में ऊंच-नीच का भाव नही है। आज विश्व के ज्यादातर देशों में हिन्दी को सम्मान मिल रहा हैं। चूकिं भारत विश्व का एक बडा व्यपार का केंद्र बन रहा है इसलिए विश्व के तमाम देश भारत में व्यापार करने के लिए हिन्दी को सीख रहे हैं। यह निदेशालय भी विभिन्न खरपतवार प्रबंधन तकनीकियों का प्रचार प्रसार कृषकों के बीच करने के लिए हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर रहा हैं। इस अवसर पर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के प्रभारी श्री बसंत मिश्रा ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियां का स्वागत किया। प्रोत्साहन योजना के तहत निदेशालय के वर्ष भर में 20,000 शब्दों से अधिक हिन्दी लिखने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को एवं विभिन्न प्रतियागिताओ के विजेताओ को पुरस्कार अतिथियों के कर कमलों से प्रदान किये गये। निदेशालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका ’‘तृण संदेश ’’, ’’खरपतवार समाचार’’ एवं ’’ निदेशालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियॉ ’’इत्यादि प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।

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Our Mission

खरपतवार सम्बंधित अनुसंधान व प्रबंधन तकनीकों के माध्यम से देश की जनता हेतु उनके आर्थिक विकास एंव पर्यावरण तथा सामाजिक उत्थान में लाभ पहुचाना।

"To Provide Scientific Research and Technology in Weed Management for Maximizing the Economic, Environmental and Societal Benefits for the People of India."

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