दमोह जिले के 50 प्रगतिशील कृषकों ने दिनांक 6 मार्च, 2021 को डी.बी.टी. वित्त पोषित किसान बायोटेक प्रोजेक्ट के तहत खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम में भाग लिया। निदेशालय के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्र ने बलारपुर एवं कुम्हारी गांव से आये कृषक भाइयों के सामने खरपतवार प्रबंधन के महत्व के बारे में कार्यक्रम के दौरान विस्तार से अपनी बात रखी। डॉ. मिश्र ने बताया कि किस तरह खरपतवारों के द्वारा हमारी फसलों को स्थान, पानी, पोषक तत्व एवं सूर्य का प्रकाश से संघर्ष करना पड़ता है जिससे हमारी फसलों को प्रत्यक्ष रूप से नुकसान उठाना पड़ता है इसके साथ साथ खरपतवार कीट व्याधियों एवं चूंहों को आश्रय देते है जिससे हमारी फसलों को अप्रत्यक्ष रूप से हानि होती हैं अतः खरपतवारों को समय रहते उचित विधियों के द्वारा समन्वित रूप से प्रबंधन कर फसलों में हो रही हानि को कम कर सकते हैं।
सामान्य रूप से यह देखा गया है कि किसान भाई फसल कटाई के पश्चात फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं जिससे मृदा एवं पर्यावरण स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव पड़ता हैं अतः संरक्षित कृषि को अपनाकर उपरोक्त समस्या से निजात पाया जा सकता हैं एवं मृदा की गुणवत्ता को भी बढ़ाया जा सकता हैं। कार्यक्रम के समन्वयक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंह ने कार्यक्रम तथा परियोजना में चलाये जा रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया एवं धान और सोयाबीन के साथ साथ गेंहू एवं मसूर में संरक्षित कृषि आधारित प्रदर्शन एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से चर्चा की। डॉ. सिंह ने किसानों का आहवाहन किया कि निदेशालय प्रक्षेत्र का भ्रमण कर चल रही विभिन्न अनुसंधान संबंधित गतिविधियों का जायज़ा लें एवं अपनी आवश्यकता अनुरूप तकनीकों का चयन कर उसे अपनाये एवं अधिक से अधिक लाभ अर्जित करें।
इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. बर्मन ने मृदा स्वास्थ्य को कैसे बढ़ाया जाये तथा इसका किस प्रकार से प्रबंधन कर अधिक से अधिक फसल उत्पादन प्राप्त किया जाये के बारे में बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वी.के. चौधरी ने फसलों में खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न आयामों के बारे में बताया साथ ही साथ उन्नत फसल प्रबंधन से कैसे अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. चौधरी ने निदेशालय के प्रक्षेत्र में चल रहे विभिन्न अनुसंधान कार्य का भ्रमण के दौरान विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान इंजी. चेतन सी.आर., (वैज्ञानिक) ने किसानों को कम लागत वाले कृषि उपकरणों एवं यंत्रों के बारे में विस्तार से बताया। विशेष रूप से खरपतवारनाशियों के उपयोग हेतु किस प्रकार की नोजल तथा प्रति एकड़ पानी की मात्रा के साथ निदेशालय के विभिन्न यंत्रों के बारे में बताया। कार्यक्रम में किसानों ने फसल एवं सब्जी उत्पादन में आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में बताया जिसका निदेशालय के वैज्ञानिकों द्वारा समाधान बताया गया। इस दौरान कृषकों को निदेशालय एवं कृषि यांत्रिक कार्यशाला का भी भ्रमण कराकर जानकारी प्रदान की गई।