दमोह जिले के हटा तहसील के 50 प्रगतिशील कृषकों ने दिनांक 10 मार्च, 2021 को डी.बी.टी. वित्त पोषित किसान बायोटेक प्रोजेक्ट के तहत खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम में भाग लिया। निदेशालय के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्र ने मोहास, कुम्हारी, कुल्वा, पाडुवा एवं हिनौती गांव से आये कृषक भाइयों के सामने खरपतवार प्रबंधन के महत्व के बारे में कार्यक्रम के दौरान विस्तार से अपनी बात रखी। डॉ. मिश्र ने बताया कि खरपतवारों से हमारी प्रमुख दस फसलों में लगभग 70 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान प्रत्यक्ष रूप से होता है। यदि उसमें इससे होने वाले अन्य नुकसान को भी जोड़ा जाये तो यह बहुत अधिक हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि खरपतवार न केवल फसल उत्पादन में बल्कि बागवानी में, फलोत्पादन के साथ-साथ गैर फसलीय क्षेत्रों में भी नुकसान पहुँचाते है। अतः खरपतवारों को सही समय में उचित तरीकों द्वारा प्रबंधन करने से खरपतवार से होने वाले नुकसान को कम कर सकते है। साथ ही साथ डॉ. मिश्र ने यह भी बताया कि हमें फसलों की नरवाई को जलाने से बचना चाहिए एवं आवश्यकता के अनुसार नरवाई को उपयोग कर अतिरिक्त अवशेष को खेतों में ही रखना चाहिए। इससे सुक्ष्मजीवों की सख्या में वृद्धि होती है तथा मृदा की गुणवत्ता में वृद्धि करता है एवं लम्बी अवधि तक इस विधि का उपयोग कर मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण को हो रही हानि को भी कम कर सकते है। साथ ही साथ डॉ. मिश्र ने किसानों को आहवाहन किया कि निदेशालय में चल रही विभिन्न अनुसंधान संबंधित गतिविधियों का जायज़ा लें एवं अपनी भूमि तथा वातावरण के अनुकूल जो तकनीक उपयुक्त हो उसका चयन कर अपनायें एवं अधिक से अधिक लाभ अर्जित करें।
कार्यक्रम के समन्वयक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. सिंह ने कार्यक्रम तथा परियोजना में चलाये जा रहे विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया एवं गेंहू एवं मसूर में संरक्षित कृषि आधारित प्रदर्शन एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें निदेशालय के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. बर्मन ने मृदा स्वास्थ्य का फसल उत्पादन में महत्व एवं किन विधियों से मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखा जाये के बारे में बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वी.के. चौधरी ने इस दौरान संरक्षित कृषि एवं खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न उन्नत आयामों पर कृषकों को जानकारी प्रदान कर उसका प्रयोग अपने खेतों पर करने की अपील की। डॉ. चौधरी द्वारा कृषक भाईयों को निदेशालय में चल रहे विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रम एवं प्रदर्शन तथा बीज उत्पादन के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान इंजी. चेतन सी.आर., (वैज्ञानिक) ने किसानों को कम लागत वाले कृषि उपकरणों एवं यंत्रों के बारे में विस्तार से बताया। विशेष रूप से खरपतवारनाशियों के उपयोग हेतु किस प्रकार की नोजल तथा प्रति एकड़ पानी की मात्रा के साथ निदेशालय के विभिन्न यंत्रों के बारे में बताया। कार्यक्रम में किसानों ने फसल एवं सब्जी उत्पादन में आ रही विभिन्न समस्याओं के बारे में बताया जिसका निदेशालय के वैज्ञानिकों द्वारा समाधान बताया गया। इस दौरान कृषकों को निदेशालय एवं कृषि यांत्रिक कार्यशाला का भी भ्रमण कराकर जानकारी प्रदान की गई।