भा.कृ.अनु.प.-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, महाराजपुर, जबलपुर द्वारा दिनांक 18 फरवरी, 2025 को किसान मेला सह प्रर्दशनी का आयोजन किया गया। इस मेले में जबलपुर संभाग के लगभग 1000 किसान भाईयों, बहनों एवं 300 छात्र छात्राओं ने भाग लिया। मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर डॉ. जे. एस. मिश्र , निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, ने अपने स्वागत संबोधन में किसान भाईयों का ध्यान खरपतवार संबंधी ज्वलंत समस्याओं की ओर आकृष्ट करते हुए बताया कि सघन कृषि, श्रमिकों की कमी खरपतवार की समस्या बढ़ा रही है। खरपतवार से 10 मुख्य फसलो में लगभग 70 हजार करोड़ रूपये का वार्षिक नुकसान होता है। खरपतवार प्रबन्धन की तकनीक के प्रचार-प्रसार में इस मेले का महत्वपूर्ण योगदान है। खरपतवार प्रबन्धन के लिये विभिन्न विधियों का एकीकृत प्रयोग आवश्यक है।
माननीय श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर, जबलपुर ने बढ़ती हुई आबादी को ध्यान में रखते हुए, सीमित जमीन पर ज्यादा पैदावार के लिए कृषि में नई तकनीकियों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है. माननीय महापौर जी ने बताया की किसान कीटनाशकों का उपयोग कम करेंगे तो मृदा एवं मानव स्वास्थ भी बेहतर रहेगा। अंत में सभी कृषि उत्पादकों की स्टाल्स की चर्चा की और सभी को बधाइयाँ भी दी. मुख्य अतिथि माननीय श्रीमती सुमित्रा वाल्मिक, सांसद राज्यसभा, ने मेले का भ्रमण किया और प्रशंसा की। उन्होंने प्राकृतिक आपादाओं से किसानों को होने वाली हानियों पर चिंता जताई और कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं से इसकी भरपाई की जा रही है।
डॉ. ए. के. विश्वकर्मा, परियोजना संमन्वयक, तिल एवं रामतिल, जे.कृ.वि.वि. जबलपुर ने तिल एवं रामतिल पर अधिक पैदावर के लिए चर्चा की। डॉ. आर. सी. मिश्रा, कुलपति महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर, विशिष्ट अतिथि ने कृषि के साथ साथ व्यापारिक कौशल बढाने पर जोर दिया। डॉ. के. आर. एस. संबाशिवा राव, कुलपति मंगलायतन विश्वविद्यालय, जबलपुर, विशिष्ट अतिथि ने बताया कि नवीन तकनीकों का उपयोग करके खाद्य उत्पादन को बढा सकते है। डॉ. अरूण कुमार जोशी, प्रबंध निदेशक, बीसा, विशिष्ट अतिथि ने बताया कि कृषि में विविधता जरूरी है इन्होंने तिकाउ खेती जिसमें पराली को बिना जलाए मृदा और परियावरण को बेहतर बनाने की अनुशंसा की। डॉ. एस. आर. के. सिंह, निदेशक अटारी, जबलपुर ने मृदा स्वास्थ को बेहतर बनाने के लिए प्राकृतिक और जैविक खेती में विविधता एवं वर्टिकल फार्मिंग पर जोर दिया। किसान मेले में पहुँचे किसान भाईयों ने खरपतवार निदेशालय का प्रक्षेत्र भ्रमण कर खरपतवार प्रबंधन संबंधी नवीनतम जानकारी प्राप्त की। मेले में खरपतवार प्रबंधन के अलावा कृषि, पशुपालन, पेस्टीसाइड्स, उत्तम बीज, औषधीय पौधे, वन प्रजातियों, कृषि यंत्रों आदि से संबंधित जानकारी भी विभिन्न स्टा