खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दिनांक 12-18 फरवरी 2019 तक मनाये जा रहे राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के अन्तरगत दिनांक 18 फरवरी, 2019 को किसान गोष्ठी का अयोजन ग्राम सिलुआ बरगी में किया गया। राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के अवसर पर किसानों को कृषि से सवंधित जानकारी प्रदान कर उन्हें जागरूक किया जाता है ताकि वे कम खर्च में ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर अपनी आय को बढा सकें। इस कार्यक्रम में लगभग 100 महिला व पुरुष कृषकों ने भाग लिया जिसमें बरगी क्षेत्रों के किसानों के अलावा कृषि वैज्ञानिकों व तकनीकी अधिकारियों भी उपस्थिति रहे। डॉ. पी.के.सिंह, निदेशक, खरपतवार अनुसंधान निदेशालय ने अपने उद्बोधन में विगत 12 वर्षों से विभिन्न गांवों में चलाये जा रहे संरक्षित कृषि आधारित कार्यक्रमों से कम लागत से खाद्यान्न उत्पादन बढ रहा है। आज खाद्यान्न उत्पादन बढाना और कृषि लागत कम करना हमारा मुख्य उद्वेष्य हैं। देश के खाद्यान्न उत्पादन में आ रही इस कमी को उन्नत कृषि तकनीक एवं खरपतवार प्रबंधन के माध्यम से पूरा करने के साथ ही खाद्यान्न उत्पादन में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्वि की जा सकती है।
डॉ. सिंह ने बताया कि खरपतवारों के प्रबन्धन के साथ-साथ इसके नियंत्रण की समुचित जानकारी एवं इसके नियंत्रण हेतु जागरूकता कृषको के खेतो तक पहुचना आवष्यक है। इस हेतु खरपतवार निदेशालय की सामूहिक पहल से खरपतवार नियंत्रण के अच्छे परिणाम सामने आयेगें। मृदा स्वास्थ्य हेतु संतुलित पोषक तत्वो के उपयोग पर जोर दिया, साथ ही खाद्यान्न उत्पादन बढाने हेतु कृषकों को तकनीकी जानकारी के साथ संरक्षित खेती अपनाने व खेतो मे होने वाले खरपतवारों तथा फसल अवषेषो से खाद बनाने की विधि के बारे में बताया।
डॉ. सुशील कुमार प्रधान वैज्ञानिक ने खरपतवारों एवं कचरे से खाद वनाने की विधि की उपयोगिता बारे में विस्तार से बताया। डॉ. आर.पी. दुबे प्रधान वैज्ञानिक ने सबका स्वागत करते हुये रसायनो के स्प्रे की विभिन्न विधियों के बारे में विस्तार से बताया साथ ही मृदा में रसायनो के उपयोग से होने वाले प्रदुषण को रोकने जानकारी प्रदान की। निदेशालय के वैज्ञानिका इंजी. चेतन द्वारा रसायनो के स्प्रे की विभिन्न विधियों का प्रदर्षन उपस्थित कृषकों को दिखया। कार्यक्रम में डॉ. योगिता, डॉ. वी.के. चौधरी, डॉ. सुभाष, एवं डॉ. घोष द्वारा भी अपने अनुभव किसानो से साझा किये।