गाजरघास से होने वाले हानिकारक प्रभावों और उसके प्रबंधन के उपायों को बताने के लिए जबलपुर के महाराजपुर में स्थित खरपतवार निदेशालय द्वारा चलाये जा रहे गाजरघास जागरूकता सप्ताह का समापन दिनांक 22 अगस्त, 2016 को सिवनी जिले के ग्राम नागनदेवरी में एक विशाल कृषक गोष्ठी के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में खरपतवार निदेशालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिवनी एवं कृषि विभाग, सिवनी के अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि की आसन्दी से बोल रहे खरपतवार निदेशालय के प्रभारी निदेशक डॉ पीके सिंह ने कृषकों और सभा में उपस्थित नागरिकों एवं विद्यार्थियों से गाजरघास को अपने घरों के आस-पास, सड़कों और खेतों से समूल उखाड़ने का आह्वान किया। डॉ सिंह ने निदेशालय द्वारा इस क्षेत्र में संरक्षित खेती पर लगाये गये प्रदर्शनों के बारे में बताते हुये कृषकों से इस नई विधि को अपनाकर अधिक लाभ कमाने की सलाह दी।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर पी दुबे, ने गाजरघास और फसलों में खरपतवारों को शाकनाशी द्वारा नियंत्रण करने के बारे में बताया। कार्यक्रम में आये कृषकों और नागरिकों ने गाजरघास को अपने-अपने क्षेत्रों में नष्ट करने का संकल्प लिया।
खरपतवार निदेशालय द्वारा देश-भर में चलाये जा रहे गाजरघास जागरूकता सप्ताह के संयोजक डॉ सुशील कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने सिर्फ गाजरघास को खाने वाले कीट के बारे में और गाजरघास से कम्पोस्ट बनाने के विशय में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। इस कार्यक्रम में श्री बिसेन, श्री तोमर, डॉ भूमेश कुमार, डॉ पार्थो चैधुरी, डॉ चेतन ने विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ योगिता और धन्यवाद डॉ विकास त्यागी ने किया।