भारत सरकार एवं भा.कृ.अनु.प. के निर्देशानुसार निदेशालय में दिनांक 16 अक्टूबर, 2016 से 31 अक्टूबर, 2016 तक स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वच्छता जागरूकता रैलियां, सिविक सेंटर स्थित इंदिरा गांधी पार्क में सफाई अभियान, अधारताल तालाब में जलकुम्भी की सफाई, कृषि कालेज से महाराजपुर तक सफाई कार्य एवं वृक्षारोपण किये गये इसी क्रम में दिनांक 25 अक्टूबर 2016 को निदेशालय में एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन निदेशक डा. अजीत राम शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि वक्ता श्री नरसिंह रंगा, प्रगतिशील कृषक एवं सदस्य अनुसंधान सलाहकार समिति, टी.एफ.आर.आई., जबलपुर तथा विशिष्ट अतिथि श्री के.एस. रेड्डी, सेवानिवृत्त (आई.एफ.एस.) प्रिंसिपल, मुख्य कंजरवेटर फारेस्ट उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री नरसिंह रंगा जी ने अपने व्याख्यान में बताया कि लकड़ी व्यवसाय करते हुये उन्होंने कुछ अलग करने का विचार आया और उन्होंने वृक्षारोपण के पुनीत कार्य हेतु बंजर भूमि की तालाश शुरू की तथा नर्मदा के किनारे बंजर/पड़ती बीहड़ बाली जमीन को उन्होंने क्रय किया एवं टी.एफ.आर.आई. एवं एस.एफ.आर.आई. से संपर्क कर वृक्षारोपण की नवीनतम तकनीक एवं बांस, सागौन, खमैर एवं यूकेलिप्टस आदी पौधों की अच्छी प्रजाति की जानकारी प्राप्त कर रंगा प्लांटेशन का कार्य शुरू किया। जमीन के कटाव को रोकने के लिये पौधों का रोपण उन्होंने सबसे उत्तम बताया। उन्होंने कहा कि पौधों के रोपण से जहां एक ओर नदियों के जल को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। वहीं मिट्टी, हवा को भी शुद्ध अर्थात् प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है। जो कि स्वच्छ भारत के लिये सबसे आवश्यक कार्य है। उन्होंने बताया कि वृक्षारोपण हेतु सरकार निःशुल्क भूमि 70 वर्षों की लीज पर देनें को सदा तैयार है।
संस्थान के निदेशक डा. अजीत राम शर्मा ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत किये जा रहे विभिन्न कार्यों से देश स्वच्छ बनेगा तथा समाज स्वस्थ्य होगा। कार्यक्रम का संचालन श्री जी.आर. डोंगरे, तकनीकी अधिकारी द्वारा किया गया।